ब्रह्मचर्य का खुलासा हमारे ‘वैद्यक शास्त्र’
में अनमोल बल के रूप में क्या है. वीर्य हमारे शरीर का राजा है. अगर हमारा ये राजा
शक्तिशाली है तो रोग रुपी शत्रु हम पर विजय नहीं पा सकते. परन्तु हमारे राजा के
कमजोर होने पर निर्बल शत्रु भी हम पर हावी हो जाते है. अगर हम वीर्यवान है तो
निसंदेह इसका तेज हमारे चेहरे पर दिखाई देगा और हम बिलकूल स्वस्थ रहेंगे.
ब्रह्मचारी व्यक्ति के चहरे में एक आकर्षण होता है, जिसको केवल देखते ही दुसरे सभी
आकर्षित हो जाते है बिना किसी आकर्षण मंत्र के.
ब्रह्मचर्य एक अनमोल बल और शक्ति |
ब्रह्मचर्य हमको पूर्ण आत्मविश्वास देता है,
इसके कारण हम दुनिया में सब कुछ करने में अपने आपको समर्थ महसूस करते है. हमेशा
शरीर में ताजगी रहती है, लम्बे समय तक काम करने की छमता आती है, प्रक्रति ने वीर्य
केवल काम सुख लेने के लिए नहीं दिया हमको, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य केवल सन्तान
उत्पति के लिए है बस. अपने स्वाद के लिए इसका अन्धाधुंध व्यय बाहुत हानिकारक और
रोगदायक है.
Brhmcharya ek Anmol Bal Shakti |
महापुरुषों की वाणी बिलकूल सही ही है की वीर्य
नाश ही मृत्यु है और वीर्य रक्षण ही जीवन है क्योंकि वीर्य नाश हमारे स्वास्थ्य को
खोद-खोद कर बहार निकाल देता है और रोग सदा के लिए उसमे निवास कर जाते है.
Celibacy is the Priceless power |
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