Surya ko Arghya Dena | सूर्य को अर्घ्य दान देना | Offering water to Sun



सूर्य अर्घ्य हमारे ऋषि मुनियों की दें है उनहोंने वर्षों पहले ही अपनी योग साधना के द्वारा सूर्य और इसके गुणों का साक्षात्कार कर लिया था जिससे आज का विज्ञान भी मानने लगा है. सूर्य का प्रकाश सप्तरंगो का बना होता है. और यही प्रकाश के घटा हमारे सभी तरह के रोगों की हस्ती ख़तम करने की हिम्मत रखते है. 
सूर्य को अर्घ्य दान देना
सूर्य को अर्घ्य दान देना
सूर्य नमस्कार – सूर्य नमस्कार हमारी कसरत का ही एक भाग है लेकिन इसमें शारीर के सभी अंगों की कसरत हो जाती है सभी अंगों के लिए अलग अलग व्यायाम की जरूरत नहीं होती. लेकिन सूर्य नमस्कार के पूर्ण फायदे तब होते है जब अप इसको बिना कपडे पहने और उगते सूर्ये की किरणों में ही करें. वैसे तो अप इसे किसी भी समय कर सकते है लेकिन उगते सूर्य की किरने और बिना कपड़ों के करना से ही विशेस लाभ हो सकता है.
 
Surya ko Arghya Dena
Surya ko Arghya Dena

और सूर्य अर्घ्य देना – हमे प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. सूर्य को अर्घ्य देते वक़्त यह ध्यान में रखें की जो जल सूर्य को अर्घ्य किया जा रहा है वह सूर्य की उपस्थति में किया जा रहा है या नहीं. क्योंकि सूर्य की उपस्थति में ही सूर्य अर्घ्य दें क्योंकि सूर्य की किरणें जो सूर्य अर्घ्य देते वक़्त जल में से आपके शरीर से होकर गुजर रही हों.. क्योंकि अर्घ्य वाले जल से होकर गुजरने वाली किरणें ही स्वास्थ्य प्रदान करती है.
Offering water to Sun
Offering water to Sun

इसीलिए सूर्य अर्घ्य दें और निरोग रहें. सूर्य अर्घ्य एक चमतकारी, विज्ञानिक व् प्रभावशाली विधि है और इसीलिए सभी को सूर्य अर्घ्य करके निरोग बन जाना चाहिए.

Surya ko Arghya Dena, सूर्य को अर्घ्य दान देना, Offering water to Sun , surya ko arghya dene se arogyata aati hai. Kisi bhi prkar ki bimari mein surya ko arghya dena bada hi labhdayak hai. Surya arghya ek vaigyanik abhivaykti bhi hai matlab vigyanik taur par bhi surya arghya se bahut labh hote hai, isiliye hum sabhi ko prtidin ugte surya ko surya arghya daan dena chahiye. 

Surya Upasana or Sadhna | सूर्य साधना और उपासना | Worship of Sun in Hindi

हमारी शरीर की शक्ति का उद्गम स्त्रोत सूर्य ही है जी हाँ सूर्य से ही हमारी शारीरिक शक्ति उत्पन्न होती है और बरकरार रहती है और वृद्धि करती रहती है. सूर्य के प्रकाश का हमारे खून, सांस लेने व् खान पान पर विशेस प्रभाव पड़ता है. पशु पक्षी हमेशा खुली जगह पर रहते है जिससे वो और उनके बच्चे हमेशा सूर्य का खुला प्रकाश ग्रहण करते है. सूर्य के प्रकाश में अपने आप को स्वस्थ रखते है. जबकि मनुष्य इन फायदों से वंचित रह जाता है वह टोटली औषधियों पर ही निर्भर हो गया है. वह सूर्य के प्रकाश को ग्रहण क करके दवाइयां ही खाता रहता है और बोलता रहता है की उसका रोग दवाइयों से भी ठीक नहीं हो रहा है. बल्कि केवल दवाइयों से उसका रोग और बढ़ जाता है और कई नई बीमारियाँ उसको पकड़ लेती है. इससे उसकी सेहत दिन प्रतिदिन खराब होती चली जाती है. 
Worship of Sun in Hindi
Worship of Sun
भोजन का सही चयन :- अगर चलो हम सूर्य को सीधे ग्रहण न भी कर पायें तब अगर हम सही भोजन पद्दति का प्रयोग करें तो अवश्य लाभ उठा सकते है. हमें कृत्रिम खाद्यय पदार्थों का सेवन न करके सीधे प्रक्रति से प्राप्त भोजन का ही प्रयोग करना चाहिए. इस तरह जो सूर्य की कमी रह जाती है वो तो पूरी होती ही है बल्कि और भी सारी की सारी कमी भी पूरी हो जाती है.  कृत्रिम भोजन जैसे की फ़ास्ट फ़ूड या जायदा तली हुई या फिर बासी बहुत जयादा, इस तरह के भोजन से सदा दूर रहो खान तो दूर की बात है. खाने में सलाद जयादा लेनी चाहिए और एल्युमीनियम के कुकर छोड़ कर पीतल के बर्तन प्रयोग में लाने चाहिए. आपकी सभी कमी दूर हो जाएँगी.
 
सूर्य साधना और उपासना
सूर्य साधना और उपासना
 Surya Upasana or Sadhna, सूर्य साधना और उपासना, Worship of Sun in Hindi.
 
Surya Upasana or Sadhna
Surya Upasana or Sadhna


Surya upasana ya surya sadhana karana humari sehat ke liye bahut jaroori hai. Sehat se matlab ki surya kirnon ka humare jeewan  pr bahut mahattav hai. agar hum saabhi surya sadhna ya surya upasana Karen to kabhi bi bimaar na hoon. Isiliye jaroori hai ki acche swasthy ke liye surya upasana or surya sadhna jaroor Karen.
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Bhagwan ke Naam Jap Ka mahattav or Faide | भगवान् के नाम जप का महत्तव और फायदे


भगवन्नाम जप :- भगवान् का नाम जपने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है. इससे सभी तरह के रोगों का नाश हो जाता है. जप से आदमी के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयाँ दूर हो जाती है स्वत ही. उसके भविष्य के सुनहरे रास्ते खुल जाते है.हरी, राम नाम या ओमकार का जप करने से शरीर के अंदर घर कर गई सभी बीमारियाँ दूर भाग जाती है. हमारे अंदर रोगों से लड़ने की शक्ति जागृत हो जाती है जिससे हम बिमारियों के सामने कमजोर नहीं पड़ते. 
 
भगवान् के नाम जप का महत्तव और फायदे
भगवान् के नाम जप का महत्तव और फायदे

भगवन्नाम जप या मंत्र जप का प्रभाव - मन्त्रों का जप अपनी आस्था के अनुसार ही किया जाता है. और आस्था और विश्वास होने पर ही मन्त्रों का सही फायदा उठाया जा सकता है. इसीलिए हमको भक्तिपूर्वक मन्त्रों का जप करना चाहिए. किसी भी प्रकार की भय से मुक्ति चाहिए या नींद न आती हो, या फिर मन के अंदर किसी तरह का दवाव या तनाव बना हुआ हो, रक्त की गति तेज या कम हो जाती हो तो इसी तरह की सभी बिमारियों और कमियों का इलाज मन्त्र जप से ही संभव है. 


भगवन्नाम जप या मंत्र जप से विकास - मंत्र जप से हमारे मन में अच्छे गुणों का विकास होता है जिससे अच्छे विचार का प्रवाह हमारे अंदर रहता है. हमारी बुद्धि का विकास होता है जिससे हम दूसरों को अच्छी तरह अपनी बात समझा सकते है. मंत्र जप से मानव के अंदर की सभी दुर्बलताओं का नाश हो जाता है जिससे हमारे अंदर सत्य बोलने, अपने उपर काबू रखने, दूसरों की इज्जत करना, अपने कर्तव्यों का समझना और पालन करना आदि जैसे श्रेष्ठ गुणों का विकास होता है. इससे व्यक्ति निरोग रहने लगता है. 
 
Bhagwan ke Naam Jap Ka mahattav or Faide
Bhagwan ke Naam Jap Ka mahattav or Faide

गुरु आज्ञा से भगवन्नाम जप या मंत्र जप - जो भी साधक अपने गुरुदेव की आज्ञा में रहकर नाम जप करता है वो कभी दुःख क्लेश का भागिदार नहीं होता. वो कभी किसी कार्य में असफल नहीं होता. गुरुमुखी शिष्य के सभी कार्य सार्थक होते है वो जरूर पुरे होते है.

Bhagwan ke Naam Jap Ka mahattav or Faide,  भगवान् के नाम जप का महत्तव और फायदे, bhagwannam jap ke fayde or mahattav bahut hai. Bhagwaan nam jap se sabhi raugon ka nash hota hai. Bhagwaan ke naam jap se bhautik hi nahi adhyatimik jagat mein bhi bahut fayde milte hai.

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Brhmcharya ek Anmol Bal Shakti | ब्रह्मचर्य एक अनमोल बल और शक्ति | Celibacy is the Priceless power in hindi



ब्रह्मचर्य का खुलासा हमारे ‘वैद्यक शास्त्र’ में अनमोल बल के रूप में क्या है. वीर्य हमारे शरीर का राजा है. अगर हमारा ये राजा शक्तिशाली है तो रोग रुपी शत्रु हम पर विजय नहीं पा सकते. परन्तु हमारे राजा के कमजोर होने पर निर्बल शत्रु भी हम पर हावी हो जाते है. अगर हम वीर्यवान है तो निसंदेह इसका तेज हमारे चेहरे पर दिखाई देगा और हम बिलकूल स्वस्थ रहेंगे. ब्रह्मचारी व्यक्ति के चहरे में एक आकर्षण होता है, जिसको केवल देखते ही दुसरे सभी आकर्षित हो जाते है बिना किसी आकर्षण मंत्र के.
 
ब्रह्मचर्य एक अनमोल बल और शक्ति
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ब्रह्मचर्य हमको पूर्ण आत्मविश्वास देता है, इसके कारण हम दुनिया में सब कुछ करने में अपने आपको समर्थ महसूस करते है. हमेशा शरीर में ताजगी रहती है, लम्बे समय तक काम करने की छमता आती है, प्रक्रति ने वीर्य केवल काम सुख लेने के लिए नहीं दिया हमको, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य केवल सन्तान उत्पति के लिए है बस. अपने स्वाद के लिए इसका अन्धाधुंध व्यय बाहुत हानिकारक और रोगदायक है.
 
Brhmcharya ek Anmol Bal Shakti
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महापुरुषों की वाणी बिलकूल सही ही है की वीर्य नाश ही मृत्यु है और वीर्य रक्षण ही जीवन है क्योंकि वीर्य नाश हमारे स्वास्थ्य को खोद-खोद कर बहार निकाल देता है और रोग सदा के लिए उसमे निवास कर जाते है.
 
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Brhmcharya ek Anmol Bal Shakti,  ब्रह्मचर्य एक अनमोल बल और शक्ति, Celibacy is the Priceless power in hindi, brahmcharya ka bal ya Shakti bilkool anmol hai.  Brhmcharya wo shalki ya bal hai jo ap na kisi paise se or kisi ko kuch dekar khrid sakte hai. 



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