सरसों के हरे हरे
पत्तों से बनी एक स्पेशल व् पौष्टिक डिश। इसमें
विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखती
है। पौष्टिक, स्वादिस्ट,
व् विटामिन से भरपूर डिश। अधिकतर ये डिश सर्दियों
के दिनों में बनाई जाती है। सरसों का साग
उत्तर भारत की प्रसिद्ध डिश है।
सामग्री
(२ से ४ व्यक्तियों के लिए) - ५०० ग्राम स रसों के पत्ते (धुले व् बारीक़ कटे हुए ), ३/४ चम्मच गर्म मसाला, २०० ग्राम पालक (छांटकर धुकलर बारीक़ कटा हुआ), ४ कली लहसुन कटी हुई , ५० ग्राम मक्की का आटा, १ छोटा चम्मच निम्बू का रस, २ साबुत लाल मिर्च, आधा कप ताजा क्रीम, १ टुकड़ा अदरक (कटा हुआ) ,३ बड़े चम्मच घी, २-४ हरी मिर्च (बारीक़ कटी हुई) ,१ बड़ी प्याज(कटी हुई) व् नमक स्वाद अनुसार।
सरसों का साग |
विधि
-कटे हुआ सरसों और पालक
को एक कप पानी के साथ कूकर में डालकर गैस पर रखे।
३-४ सिटी आने तक पकने दें।
एक बर्तन में
थोड़ा सा पानी लेकर उसमे मक्की का आटा डालकर घोले , अब नमक मिर्च, गर्म मसाला, अदरक और क्रीम डालकर मिश्रण बना लें।
एक चम्मच घी में
आटे के मिश्रण को सुनहरा भूरा होने तक भुने।
भुनने पर गैस से उतार लें।
एक सॉस पैन में
बाकि घी डालकर जीरा, प्याज, लहसुन, हरी मिर्च, व् लाल मिर्चों को तोड़कर डालें। दो
मिनट बाद उसमे सरसों व् पालक के मिक्स्चर
को डालकर अच्छी तरह घोंट लें।
अब १५-२० मिनट तक
मध्यम आंच पर पकने दें।
पकने पर गर्म
गर्म मक्की की रोटी के साथ परोसे ।
सुझाव
- पारम्परिक तरीके से सरसों
के साग को बनाने के लिए हम मक्के के आटे को बिना भुने भी घोल बनाकर सब्ज़ी में
डालते है लेकिन ये उस कंडीशन में लागु होतो है जब पत्ते अच्छे तरह उबलकर तैयार हो
चुके होते है और घोल डालकर सब्जी बनने पर
२०-२५ मिनट गैस पर उबलते है, और सब्ज़ी को थोड़ी थोड़ी देर में चलते रहते
है। मोटे भारी चमचे से सब्ज़ी अच्छी तरह
घोटते है। सब्ज़ी बहुत अच्छी व् स्वादिष्ट
बनती है।
Sarson ka Saag |
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